: अमेरिका में के पिघलने से पानी के तेज बहाव के कारण मंगलवार (6 अगस्त) को अलास्का की एक नदी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गई और जूनो में विनाशकारी बाढ़ आ गई। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बाढ़ इसी प्रकार की घटना के लगभग एक वर्ष बाद आई है। शहर के अधिकारियों की मानें तो मेंडेनहॉल घाटी में नदी के किनारे तथाकथित ग्लेशियल झील में उफान आने से आई बाढ़ से 100 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए हैं या प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बाढ़ की गंभीरता को 'अभूतपूर्व' बताया है।सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 से ग्लेशियर का पिघलना एक नियमित घटना बन गई है और यह जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। अलास्का सहित आर्कटिक, ग्रह के बाकी हिस्सों की तुलना में दोगुनी गति से गर्म हो रहा है क्योंकि जीवाश्म ईंधन से होने वाले प्रदूषण के कारण वैश्विक तापमान बढ़ रहा है। इससे ग्लेशियर पतले हो रहे हैं या पूरी तरह पिघल रहे हैं। मेंडेनहॉल और सुसाइड ग्लेशियर इनमें शामिल हैं, जहां से बाढ़ का पानी निकलता है।
ग्लेशियर का बर्फीला हिस्सा मिट्टी के गड्ढे में तब्दील
सुसाइड ग्लेशियर के बर्फीले विस्तार का एक हिस्सा अब एक मिट्टी के गड्ढे में बदल गया है, जो हर गर्मियों में बाथटब की तरह भर जाता है और जो बाढ़ का कारण बनता है। रविवार तक झील का साफ पानी नदी तक पहुंच रहा था और सोमवार तक शहर के अधिकारियों ने निवासियों को चेतावनी दी कि उन्हें जगह खाली करनी पड़ सकती है।इस साल ग्लेशियर के पिघटने के बाद सुसाइड बेसिन झील का जल स्तर 400 फीट से ज्यादा गिर गया, जिसमें सोमवार से मंगलवार तक 24 घंटे में 350 फीट से ज्यादा की गिरावट शामिल है। इस पानी के कारण मंगलवार की सुबह मेंडेनहॉल नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 15.99 फीट तक बढ़ गया, जो पिछले साल के जलस्तर से एक फीट ज्यादा है। नदी के किनारे वाले घरों को काफी नुकसान पहुंचा। वहीं, जूनो में राष्ट्रीय मौसम सेवा ने कहा कि अब बाढ़ का पानी कम हो गया है क्योंकि ग्लेशियल झील अब भरी नहीं है और नदी बाढ़ के स्तर से नीचे आ गई है।from https://ift.tt/Z51yTqY
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