
रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर के चर्चित यतीमखाना प्रकरण में सपा के वरिष्ठ नेता और ने गवाहों की सूची कोर्ट में जमा की है। दरअसल, पूर्व मंत्री ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अदालत में 36 गवाहों की सूची और कुछ दस्तावेजी साक्ष्य दाखिल किए हैं। एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आई। अभियोजन पक्ष ने गवाहों की सूची और दस्तावेजों पर आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 23 जुलाई तय की है।
क्या है यतीमखाना प्रकरण?
मामला उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान का है। आरोप है कि के निर्देश पर शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित यतीमखाना में जबरन कब्जा हटवाया गया। पीड़ितों ने सत्ता परिवर्तन के बाद वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप में आजम खान, उनके करीबी तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन, सपा के कुछ स्थानीय नेता और पुलिसकर्मी नामजद किए गए। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उनके घरों में जबरन घुसकर मारपीट, तोड़फोड़ और लूटपाट की गई तथा मकान खाली कराए गए।चल रहा है ट्रायल
मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। अब एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में इन मुकदमों का ज्वाइंटर ट्रायल चल रहा है। सोमवार को एडीजीसी सीमा सिंह राणा ने बताया कि बचाव पक्ष ने 36 गवाहों की सूची और साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं। अभियोजन की आपत्ति पर सुनवाई 23 जुलाई को होगी।अन्य मामलों में टली सुनवाई
हालांकि, सपा नेता आजम खान के खिलाफ सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज भड़काऊ भाषण के मामले की सुनवाई सोमवार को होनी थी, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से स्थगन की अर्जी देने के चलते यह सुनवाई टल गई। अब यह मामला 29 जुलाई को सुना जाएगा।सिविल लाइंस पुलिस की ओर से दाखिल एडिशनल चार्जशीट पर भी बचाव पक्ष ने आपत्ति के लिए समय मांगा है। इस पर भी 29 जुलाई को सुनवाई तय की गई है। वहीं, मारपीट और धमकी देने के केस में सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान की सुनवाई भी सोमवार को होनी थी, लेकिन बचाव पक्ष की अर्जी पर यह सुनवाई 31 जुलाई तक स्थगित कर दी गई।from https://ift.tt/s3ndAb5
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