
आगरा: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के बाद आगरा में धर्मांतरण का खुलासा होने के बाद यूपी सरकार और सख्त हो गई है। आगरा की सगी बहनों के धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने कनाडा के सैयद दाऊद अहमद को संगठित गिरोह का आरोपी बनाया है। पुलिस ने उसके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट लिया है। सैयद दाऊद अहमद कनाडा से ही गैंग की सदस्य आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा) को फंड भेजता था। केंद्र सरकार के जरिए राज्य सरकार अब सैयद दाऊद को भारत लाने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी कर रही है। मामले का खुलासा तब हुआ जब दो सगी बहनें लापता हुईं। पुलिस ने दोनों बहनों को कोलकाता की मुस्लिम बस्ती मुक्त कराया था। धर्मांतरण के गिरोह में शामिल छह राज्यों के 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये सभी 10 दिन की पुलिस रिमांड में हैं। सभी से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस के अनुसार, कनाडा में रहने वाला सैयद दाऊद अहमद मूल रूप से मध्य प्रदेश का निवासी है। विदेश में रहकर वह संगठित गिरोह चला रहा था। पुलिस को आयशा उर्फ एसबी कृष्णा को भेजे गए गए लाखों रुपये का लेन-देन मिला है। इन रुपयों से धर्मांतरण करने वाले लोगों के रहने और खाने का बंदोबस्त किया जाता था। धर्मांतरण के बाद इनके वीडियो भी भेजे जाते थे। धर्मांतरण कराने वाले आरोपी संगठित गिरोह चलाते थे, इसलिए पुलिस ने संगठित अपराध की धारा बढ़ाई है। पुलिस के अनुसार, दिल्ली निवासी मुस्तफा उर्फ मनोज को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार की गई युवती से पूछताछ में दिल्ली में गैंग की सदस्य नेहा समेत दो और लोगों के बार में जानकारी मिली है। पुलिस ने उन्हें आरोपी बनाया है। रिमांड पर लिए गए आरोपियों से पूछताछ में मिल रही जानकारी के आधार पर पुलिस विभिन्न राज्यों में दबिश दे रही है। इस मामले में लखनऊ से पूरी नजर रखी जा रही है। आगरा धर्मांतरण 'द केरल स्टोरी' की तरह किया गया, जिससे प्रशासन और सतर्क हो गया है। पुलिस और जिला प्रशासन हर पहलू पर जांच कर रहा है।
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