
टेक्सास: , जो कि 2026 का टेक्सास सीनेट चुनाव लड़ने वाले हैं, ने एक गंभीर भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा है कि अगर राष्ट्रपति भारत के साथ एक समझौता करते हैं जिससे ज़्यादा वर्कर्स अमेरिका आएंगे, तो यह "उनकी विरासत के अंत की शुरुआत" होगी। बिएर्शवाले H-1B वीज़ा प्रोग्राम के खिलाफ लगातार बोल रहे हैं। वे इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं ताकि टेक वर्कर्स की नौकरी न छीनी जाए। बिएर्शवाले ने मौजूदा टेक्सास सीनेटर जॉन कॉर्निन और अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन, जो कि सीनेट के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कोई भी अमेरिकियों के लिए खड़ा नहीं हो रहा है। इसलिए अमेरिकी मांग करेंगे कि अमेरिका में अमेरिकियों को पहले रखा जाए। यह राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके अरबपतियों की राउंड टेबल के विपरीत है।विर्गिल बिएर्शवाले ने H-1B वीज़ा प्रोग्राम का विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे अमेरिकी वर्कर्स को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी वर्कर्स को अपने ही देश में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय मैनेजर अमेरिकियों को नौकरी पर रखने से मना करते हैं या उनके साथ काम नहीं करते हैं। बिएर्शवाले ने कहा कि इसी वजह से उनके जैसे साधारण आदमी को जॉन कॉर्निन और केन पैक्सटन जैसे ताकतवर लोगों को हराने का मौका मिल सकता है। जॉन कॉर्निन टेक्सास के मौजूदा सीनेटर हैं और उन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं हारा है। केन पैक्सटन अटॉर्नी जनरल हैं और उन्होंने अप्रैल में सीनेट के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।बिएर्शवाले ने यूनाइटेड हेल्थ के CEO ब्रायन थॉम्पसन की हत्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भले ही यह नैतिक रूप से गलत है, लेकिन बिजनेस लीडर्स समझेंगे कि लुइगी ने उन्हें क्यों निशाना बनाया।
अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौते पर कर रहा बातचीत
बिएर्शवाले का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत टेक्सटाइल, प्लास्टिक और केमिकल जैसे श्रम-गहन उद्योगों में ज़्यादा पहुंच चाहता है।ट्रम्प ने पहले कहा था, "मुझे लगता है कि हम भारत के साथ एक समझौता करने जा रहे हैं। और यह एक अलग तरह का समझौता होगा। यह एक ऐसा समझौता होगा जहां हम जाकर मुकाबला कर सकेंगे। अभी भारत किसी को अंदर नहीं आने देता है। मुझे लगता है कि भारत ऐसा करने जा रहा है, और अगर वे ऐसा करते हैं, तो हमारे पास बहुत कम टैरिफ के लिए एक समझौता होगा।" दो अप्रैल को "लिबरेशन डे" पर ट्रम्प ने भारतीय इम्पोर्ट पर 26 प्रतिशत ड्यूटी की घोषणा की, लेकिन बातचीत जारी रहने के कारण इसे निलंबित कर दिया। ट्रम्प प्रशासन भारत के साथ व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है।अमेरिकी वर्कर्स को प्राथमिकता देने की मांग
बिएर्शवाले का मानना है कि अगर ट्रम्प भारत के साथ समझौता करते हैं तो यह उनकी विरासत के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी वर्कर्स को पहले आना चाहिए। बिएर्शवाले ने सोशल मीडिया पर भी अपनी राय रखी है। उन्होंने लिखा, "अमेरिकियों को अपने ही देश में भारतीय मैनेजरों द्वारा भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है जो कि अमेरिकियों को नौकरी पर रखने या उनके साथ काम करने से इनकार करते हैं।"बिएर्शवाले का यह बयान टेक्सास के आगामी सीनेट चुनाव में एक मुद्दा बन सकता है। वे जॉन कॉर्निन और केन पैक्सटन जैसे दिग्गजों को चुनौती दे रहे हैं। उनका मानना है कि अमेरिकी वर्कर्स के मुद्दे पर वे चुनाव जीत सकते हैं।from https://ift.tt/5p3Qce1
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