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Friday, September 9, 2022

6 सच्ची कहानियां, जब जंगली कुत्ते और भेड़िए ने इंसान के बच्चों को पाला

नई दिल्ली: हम इंसानियत की बात करते हैं लेकिन जानवरों को 'बेदर्द' समझते हैं। हमें लगता है कि उनके अंदर भाव, प्रेम, स्नेह नहीं होता है। हर जानवर के साथ ऐसा नहीं है। दुनिया में एक नहीं, कई ऐसी सच्ची कहानियां हैं जब जानवरों ने इंसान के बच्चों की परवरिश की। अब अगर आपको बच्चों को सुलाने की जिम्मेदारी मिले और वे कहानी सुनाने की जिद करें तो आप सच्ची कहानी सुना सकते हैं। आज 'जंगल न्यूज' की इस कड़ी में ऐसी छह घटनाओं की बात, जिसमें जानवरों ने इंसान के बच्चों का पालन-पोषण किया। 1. बंदरों ने पांच साल की बच्ची को पाला मरीना चैपमैन पांच साल की उम्र में कोलंबिया में रहती थी। उसे किडनैप कर लिया गया। शायद उसे फिरौती के लिए बदमाशों ने उठाया था लेकिन बाद में मरने के लिए जंगल में छोड़ दिया। वह जान बचाते हुए कैपुचिन बंदरों के बीच पहुंच गई। उसने उन्हें कॉपी करना शुरू कर दिया। वे जो भी खाते थे, पीते थे, उनकी सामाजिक गतिविधियां, उनकी भाषा सब सीख ली। बताते हैं कि बंदरों ने मरीना को सिखाया कि हाथ से पक्षियों और खरगोश को कैसे पकड़ते हैं जिससे वह जिंदा रह सके। वह करीब पांच साल बंदरों के साथ रही। बाद में इंसानों के बीच आई। दरअसल, उसे शिकारियों ने देख लिया और वे उसे वेश्यालय में बेच आए, जहां से वह बचकर भाग निकली। बाद में उसने The Girl with No Name नाम से किताब लिखी। 2. बकरियों ने पाला जून 2012 की बात है। रूस में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक बच्चा ढूंढ निकाला जो एक कमरे में बकरियों के बीच बंद था। वह बकरियों के साथ ही खेलता और सोता था। लेकिन उसे पर्याप्त पोषण नहीं मिला और उसका वजह आम बच्चों की तुलना में घटकर एक तिहाई रह गया। जब उसे बचाया गया, उसकी मां का कोई पता नहीं चला। बड़ी मुश्किल से वह इंसानों के बीच रहने लगा। उसने बेड पर सोने से मना कर दिया था। वह बेड के नीचे जाकर जमीन पर सो जाता। डॉक्टर कहते थे कि वह बड़े लोगों से डरता है। 3. जंगली बिल्ली-कुत्तों ने पाला 2009 में कुछ लोग साइबेरिया के एक टाउन में एक फ्लैट पर पहुंचे तो वहां एक पांच साल की लड़की मिली। उसका नाम नताशा था। वैसे तो वह अपने पिता के साथ रहती थी लेकिन उसके साथ ऐसा व्यवहार होता था जैसे वह कुत्ते और जंगली बिल्लियों में से एक थी। वह बाकी जानवरों की तरह फर्श पर रखे गए कटोरे से खाना खाती थी। वह कोई इंसानी शब्द नहीं जानती थी और केवल फुफकारना और भौंकना जानती थी। जब बच्ची को प्रशासन ने छुड़ाया तो उसके पिता भाग गए और उसे अनाथालय में डाल दिया गया। 4. जंगली बिल्लियों ने पाला 2008 की बात है। अर्जेंटीना की पुलिस ने आठ जंगली बिल्लियों के बीच एक साल के बच्चे को पाया। सर्द भरी रातों में बिल्लियों के कारण ही वह बच्चा सर्वाइव कर सका। वे उसके ऊपर लेट जाती थीं। वह बच्चा बिल्लियों की तरह ही खाता और हरकतें करता था। 5. जंगली कुत्ते ने पाला चिली के 10 साल के एक बच्चे को एक गुफा में कम से कम दो साल से कुत्तों के साथ रहते पाया गया। उसके माता-पिता ने उसे छोड़ दिया था और वह जहां था, वहां से भाग गया था। कुत्तों ने उसे अपने पास रहने दिया और उसके भोजन का भी जुगाड़ किया। उसकी सुरक्षा भी जंगली कुत्तों ने की। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे ने शायद कुतिया का दूध भी पिया हो। वे एक परिवार की तरह रह रहे थे। 6. भेड़िए ने पाला जंगली जानवरों के इंसान के बच्चों को पालने की यह कहानी भारत से जुड़ी है। कमला और अमला को वुल्फ चिल्ड्रेन के नाम से जाना जाता है। भारत के गोदामुरी के जंगलों में 1920 में 3 साल और 8 साल की दो बच्चियों के बारे में पता चला जो एक भेड़िए के साथ रह रही थीं। जे. ए. एल सिंह नाम के शख्स ने उन बच्चियों को ढूंढा था और उन्हें अनाथालय ले आए। धीरे-धीरे वे बच्चियां मानवीय परिवेश में रहने की आदी हुईं। समय के साथ काफी बदलाव आया लेकिन उन्हें घातक बीमारियों ने घेर लिया। बाद में सिंह को लगा कि क्या इन बच्चों को जंगल में छोड़ना ज्यादा ठीक रहता?


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