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Saturday, December 21, 2024

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स और कंपनियों के लिए H-1B Visa में नया बदलाव, भारतीयों के लिए भी खुलेंगे जॉब के अवसर, आखिर कैसे?

Final Rule: भारतीय पेशेवर (खासकर तकनीकी क्षेत्र से) या छात्र अगर अमेरिका में जॉब चाहते हैं तो निकट भविष्य में उनके लिए अच्छे अवसर आ सकते हैं। विशिष्ट व्यवसायों में आप्रवासियों की जॉब के लिए जरूरी के कार्यक्रम में अमेरिकी सरकार ने हाल ही में विशेष प्रावधान किए जाने की घोषणा की है, जिसे फाइनल रूल (अंतिम नियम) के रूप में जाना जा रहा है। यह 17 जनवरी 2025 से अमल में आएगा। दावा किया जा रहा है कि इसके लागू होने से अमेरिकी कंपनियों को आप्रवासी कर्मचारियों को काम पर रखने में आसानी होगी, यह इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए अवसर खोलेगा और साथ ही कर्मचारियों के लिए भी यह वीजा कार्यक्रम ज्यादा लचीला होगा। बता दें कि एच-1बी विशेषज्ञता वाले व्यवसायों में वास्तुकला, इंजीनियरिंग, गणित, भौतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, चिकित्सा और स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यवसाय विशेषज्ञता, अकाउंटिंग, लॉ, धर्मशास्त्र और कला जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। आखिर नए नियम लागू होने से इस वीजा कार्यक्रम में क्या बदलाव आएगा और भारतीयों को क्यों फायदा मिलने की उम्मीद है, आइये समझते हैं।

H-1B वीजा कार्यक्रम में नया बदलाव क्या है?

1. नए नियम प्रायोर डेफेरेंस पॉलिसी (पूर्व सम्मान नीति) को कोडिफाई (संहिताबद्ध) करते हैं, जो पहले से मंजूर एच-1बी वीजा के नवीनीकरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। पहले ट्रंप प्रशासन की ओर से हटाई गई इस नीति के कारण वीजा प्रक्रिया में काफी देरी हुई थी।2. अपडेट किया गए नियम विशेष व्यवसाय की परिभाषा को संशोधित करते हैं। जिसके तहत डिग्री के क्षेत्रों को जॉब की जिम्मेदारियों के साथ सीधे मेल खाना आवश्यक है, जिससे पात्रता के स्पष्ट मानदंड सुनिश्चित किए जा सकेंगे।3. गैर-लाभकारी और सरकारी शोध संगठनों के पास अब सीमा-मुक्त एच-1बी वीजा के लिए क्वालीफाई करने में ज्यादा लचीलापन है। नए नियम रिसर्च को एक 'फंडामेंटल एक्टिविटी' के रूप में मान्यता देते हैं, न कि इसे ऑर्गनाइजेशन का प्राइमरी मिशन मानते हैं।4. एच-1बी वीजा के लिए अपनी स्थिति बदलने वाले एफ-1 अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्टेटस लैप्स होने से बच सकेगा क्योंकि अब आवेदन प्रक्रिया के दौरान उनको अपने छात्र वीजा की वैधता का ऑटोमेटिक एक्सटेंशन (विस्तार) प्राप्त होगा।5. नियम स्पष्ट करते हैं कि नियंत्रित हिस्सेदारी वाले कंपनी संस्थापक एच-1बी स्टेटस के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं, बशर्ते वे स्पेसिफिक कंडीशन को पूरा करें।इसके अलावा, फाइनल रूल वार्षिक एच-1बी लॉटरी सिस्टम में भी सुधार लाते हैं। नए नियम के अनुसार, अब डुप्लिकेट पंजीकरणों से निपटा जाएगा, जो इस वीजा कार्यक्रम की समग्रता बनाए रखते हुए इसमें निष्पक्षता बढ़ाएगा।

कितनी है एच-1बी वीजा की वार्षिक वैधानिक सीमा?

प्रति वित्तीय वर्ष के लिए नए एच-1बी वीजा की वैधानिक सीमा 85,000 है और उन्नत अमेरिकी डिग्री धारकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा आरक्षित हैं। हालांकि, कुछ नियोक्ता, जैसे कि विश्वविद्यालय और शोध संस्थान इस सीमा से मुक्त हैं। एच-1बी वीजा की मांग उपलब्धता से ज्यादा बनी हुई है, जिससे लॉटरी सिस्टम अहम बना हुआ है।

भारतीयों के लिए भी खुलेंगे जॉब के अवसर

माना जा रहा है कि एच-1बी वीजा कार्यक्रम में नया बदलाव भारतीयों के लिए जॉब के अवसर लाएगा। इस वीजा कार्यक्रम में भारतीयों की हिस्सेदारी प्रमुख है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2023 में 386,000 एच-1बी वीजा जारी किए गए थे, जिनमें से 72.3 फीसद वीजा भारतीय के थे। वहीं, इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज पर ताजा ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्षों के अंतराल के बाद, भारत ने अमेरिका में छात्रों की संख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और अंतरराष्ट्रीय छात्रों का प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है। 2023-2024 शैक्षणिक वर्ष में, 3,30,000 से ज्यादा भारतीय छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 23 फीसद की वृद्धि दर्शाता है। चूंकि आम तौर पर प्रमुख तकनीकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाने के लिए एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर बहुत ज्यादा निर्भर रहती हैं, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि कार्यक्रम में नए बदलाव का फायदा पेशेवरों के साथ-साथ उन एफ-1 वीजा धारक भारतीय छात्रों को भी मिल सकेगा जो एच-1बी में अपना स्टेटस बदलना चाहेंगे।


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