
जयपुर: फिल्म दंगल का एक डायलॉग बहुत फेमस है 'म्हारी छोरियां छोरों से कम है के'। हरियाणवी भाषा के इस डायलॉग का हिंदी अर्थ यह है कि लड़कियां लड़कों से कमजोर है क्या। यानी आजकल बेटियां किसी भी रूप में बेटों से कम नहीं है। समय-समय पर बेटियां अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए यह साबित भी करती हैं कि उन्हें कमजोर समझना सही नहीं है। राजस्थान की बेटी कचनार चौधरी ने भी जीत कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। राजस्थान पुलिस की सब इंस्पेक्टर कचनार ने यूएसए में खेले गए पुलिस गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। ये वर्ल्ड पुलिस गेम्स अल्लामा स्टेट के बर्मिंघम शहर में खेले जा रहे हैं।
राजस्थान पुलिस के लिए गौरव हैें कचनार
कचनार चौधरी खेल कोटे से ही राजस्थान पुलिस में भर्ती हुई थीं। पुलिस में सब इंस्पेक्टर रहते हुए वह लगातार अलग अलग गेम्स में हिस्सा लेती रही हैं। पूर्व में भी कचनार ने कई मेडल जीते हैं। 27 जून से 7 जुलाई तक यूएसए के अलाबामा स्टेट के बर्मिंघम में वर्ल्ड पुलिस गेम्स खेले जा रहे हैं जिनमें 70 देशों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। गुरुवार को कचनार चौधरी ने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए गोल्ड मेडल जीता। कचनार शॉट पुट थ्रो (गोला फेंक) खेलती हैं। फाइनल में कचनार ने रोमानिया की टीम को शिकस्त देकर गोल्ड पदक अपने नाम किया। वर्ल्ड पुलिस गेम्स में गोल्ड जीतने पर राजस्थान पुलिस के डीजी आनंद श्रीवास्तव ने कचनार चौधरी को बधाई दी है। श्रीवास्तव ने कहा कि कचनार चौधरी हमारी पुलिस का गौरव हैं।पहले लॉन टेनिस खेलती थी कचनार
सब इंस्पेक्टर कचनार चौधरी चूरू जिले के सुजानगढ़ की रहने वाली हैं। स्कूली दिनों से ही वह गेम्स खेलती रही हैं। पहले वह लॉन टेनिस खेलती थी। बाद में अपने पिता परेश चौधरी से प्रभावित होकर कचनार ने शॉटपुट थ्रो (गोला फेंक) खेलना शुरू किया। कचनार के पिता परेश चौधरी भी शॉट पुट और डिस्कस खिलाड़ी रहे हैं। कचनार ने वर्ष 2014 से शॉटपुट खेलना शुरू किया था। पहले वह खेल कोटे से रेलवे नौकरी पर लगी थी। बाद में उसने राजस्थान पुलिस जॉइन कर ली। वर्ल्ड पुलिस गेम्स में गोल्ड जीतने से पहले कचनार ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में भी गोल्ड जीत चुकी हैं।खेल के साथ पढ़ाई में भी टॉप पर रही हैं कचनार
खेल में अव्वल रहने वाली कचनार चौधरी पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रही हैं। स्कूली दिनों से ही वे काफी होशियार स्टूडेंट रही। 12वीं कक्षा में कचनार चौधरी ने 90 प्रतिशत अंकों से पास की थी। बाद में बीए और एमए भी फर्स्ट डिविजन से पास की। वर्तमान में वह एलएलबी की पढ़ाई भी कर रही हैं। कचनार की मां अनीता सिंह और पिता परेश चौधरी शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर हुए गेम्स में कचनार ने कई मेडल जीते। वर्ष 2016 में हुए जूनियर नेशनल और यूथ नेशनल में कचनार ने गोल्ड मेडल जीता था। वर्ष 2019 में दक्षिण एशियाई खेलों में कांस्य पदक, 32 वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इनके अलावा कई ओपन टूर्नामेंट में कचनार ने गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते हैं।from https://ift.tt/TNvokHZ
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