
मुंबई: पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में हुई घटना को रोकने के लिए सरकार एसओपी तैयार करेगी, ताकि राज्य में फिर से किसी दूसरे अस्पताल में ऐसी घटना नहीं हो। शनिवार को पुणे पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि एसओपी तैयार करने के साथ-साथ कानून में बदलाव भी करेंगे। चैरिटी कमिश्नर को फिर से कुछ अधिकार दिए हैं। हमारी कोशिश है कि पूरी चैरिटी व्यवस्था को एक प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन लाया जाए, ताकि इस बात पर नजर रखी जा सके कि कौन से अस्पताल में कितने चैरिटी बेड खाली हैं और क्या वे आरक्षित बेड गरीब मरीजों को ही दिए गए हैं?मामले में दोषियों को मिलनी चाहिए सजा गर्भवती महिला तनीषा भिसे की पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में मौत हो गई थी। आरोप हैं कि पैसे की कमी के कारण अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। शनिवार को मुख्यमंत्री ने पुणे में तनीषा भिसे के परिवार से मुलाकात की और उनके परिवार को सांत्वना दी। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कहने का कोई कारण नहीं है और पूरी गलती अस्पताल की थी। इस मामले में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।मुख्यमंत्री कार्यालय की मदद मांगने के बाद भी नहीं मिली मदद : उद्धव सेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस कर मांग की है कि अस्पताल की घटना की गहन जांच कर अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि 10 लाख रुपये की मांग करने वाले अस्पताल पर क्या मनपा और आयकर विभाग कार्रवाई करेगा? सरकार को बताना चाहिए कि इस अस्पताल में डैशबोर्ड है या नहीं। साथ ही यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या राज्य सरकार इस अस्पताल को अपने अधीन लेगी? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन जाने के बावजूद महिला को उस अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। फिर भला मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अलग-अलग चिकित्सा कक्ष खोलने का क्या मतलब?
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