
एटा: उत्तर प्रदेश के के जलेसर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मोहनपुर गांव में मंगलवार को उस समय तनाव उत्पन्न हो गया, जब गांव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल दिवंगत कल्याण सिंह की प्रतिमा को अराजकतत्वों द्वारा खंडित कर दिया गया। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब क्षेत्र में पहले से ही आंबेडकर जयंती के दौरान एक दलित युवक को गोली मारे जाने की घटना से तनाव व्याप्त है।गांव निवासी यादराम वर्मा ने बताया कि बीती रात गांव के ही दलितों द्वारा एक रैली निकाली गई थी। इस दौरान गांव में स्थित जलेसर-इसौली मार्ग पर स्थापित कल्याण सिंह की प्रतिमा पर कथित रूप से पथराव कर उसे खंडित कर दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों, विशेषकर लोधी समाज में भारी आक्रोश फैल गया। आरोप है कि गांव बढ़नपुर के कुछ युवकों ने प्रतिमा खंडित करने से दलित युवकों को रोका, जिस पर उनके साथ मारपीट की गई।घटना की सूचना सुबह मिलते ही पुलिस, प्रशासन हरकत में आया। सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजकुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी सत्यप्रकाश सिंह, एसडीएम भावना विमल और तहसीलदार राकेश कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस और प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की और आश्वस्त किया कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाज के यादराम वर्मा पुत्र बिहारी लाल की ओर से दी गई तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात अराजकतत्वों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की। इस बीच प्रतिमा तोड़े जाने की सूचना पर जलेसर देहात के प्रधान शैलेंद्र सिंह राजपूत, धर्मेंद्र सिंह राजपूत, प्रधान रामजीलाल राजपूत सहित बड़ी संख्या में लोधी समाज के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और पुलिस से नाराजगी जताई।देखते ही देखते माहौल इतना गर्म हो गया कि दोनों पक्षों (लोधी और जाटव समाज) के बीच जमकर पथराव हो गया। यह उपद्रव थाना जलेसर क्षेत्र में करीब 20 घंटे के भीतर दूसरी बार हुआ। इससे पहले कस्बा जलेसर में एक मामूली विवाद में यादव समाज के एक युवक ने जाटव समाज के एक युवक को गोली मार दी थी। जिस पर भीम आर्मी द्वारा नगर में पथराव करने के साथ जमकर उत्पात मचाया गया था। के पुत्र राजवीर सिंह यहां से पूर्व सांसद रह चुके हैं, जबकि उनके नाती सदीप सिंह वर्तमान में एटा के प्रभारी मंत्री हैं। लोधी समाज के दो प्रमुख नेता, जिनमें राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया और स्थानीय विधायक विपिन वर्मा डेविड शामिल हैं, इसी क्षेत्र के हैं, लेकिन घटना के काफी देर बाद तक किसी कद्दावर जनप्रतिनिधि के मौके पर नहीं पहुंचने से स्थानीय लोगों का गुस्सा और भी भड़क उठा। फिलहाल पुलिस बल गांव में मौजूद है और स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं। पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन चौकन्ना है।
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